प्रतापगढ़ जिले में जाखम, करमोहिनी, सुकली नदियां बहती है।सुकली नदी का उद्गम प्रतापगढ़ के सीतामाता  वन्य जीव अभ्यारण से हुआ है। प्रतापगढ़ में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है।

सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य

इस अभ्यारण को 1989 में अभ्यारण घोषित किया गया था। सीतामाता अभ्यारण 423 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण अरावली, विंध्याचल और मालवा के पठार के बीच स्थित है। अभ्यारण में 300 से ज्यादा जड़ी बूटियों वाले पौधे पाए जाते हैं।

जाखम बांध 

जाखम बांध जाखम नदी पर बना हुआ है। यह जलाशय चारों तरफ सुंदर पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर आप आकर सुख का अनुभव कर सकते हैं  बरसात के समय इस बांध के गेट भी खोले जाते हैं, जिसका दृश्य देखने लायक रहता है। जाखम  पर सूर्यास्त का भी बहुत जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलता है।

नालेश्वर महादेव मंदिर

नालेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन है और इस मंदिर के अंदर शंकर जी का शिवलिंग विराजमान है। यहां पर गर्भगृह में सफेद पत्थर से बने हुए शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के पास में ही आपको एक छोटा सा तालाब देखने के लिए मिलता है, जिसमें आपको कमल के फूल देखने के लिए मिलते हैं। 

श्री दीपेश्वर महादेव

यह मंदिर चारों तरफ से प्राकृतिक वातावरण से घिरा है।यहां पर हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर आपको गुप्तेश्वर महादेव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर शिव भगवान जी के और नंदी भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आपको कुबेरेश्वर महादेव मंदिर देखने के लिए मिलता है।

राजस्थान के प्रतापगढ़ कि अलग पहचान इस अभ्यारण से है

दीपेशवर तालाब

दीपेशवर तालाब प्रतापगढ़ का एक दर्शनीय स्थल है।तालाब के बीच में भगवान शिव की एक बहुत बड़ी मूर्ति देखने के लिए मिलती है। जो तालाब के बीच में टापू पर बनाई गई है। इस मूर्ति के पास में जाकर दर्शन कर सकते हैं। इस मूर्ति में भगवान शिव पद्मासन मुद्रा में बैठे हुए हैं और बहुत ही सुंदर लगते हैं। शाम के समय जब यहां पर लाइटिंग की जाती है, तो भगवान शिव की मूर्ति का प्रतिबिंब तालाब में दिखता है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। 

कामाक्षा माता मंदिर

कामाक्षा माता मंदिर जंगल के अंदर स्थित है। यहां पर माता रानी पहाड़ों के बीच में विराजमान हैं। यहां पर आपको जंगल के अंदर, पहाड़ों में माता का मंदिर देखने के लिए मिलता है। माता के मंदिर में पहुंचने के लिए आपको थोड़ी सी ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यहां बरसात के समय बहुत सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर जलप्रपात में नहाने का मजा भी ले सकते हैं। 

गौतमेश्वर महादेव मंदिर

 यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर विराजमान शिवलिंग बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है। यह जगह प्राकृतिक रूप से भी सुंदर है। इस जगह पर एक बहुत बड़ी गुफा देखने के लिए मिलती है। इस गुफा के अंदर शिवलिंग विराजमान है। यह गुफा पहाड़ों के नीचे बनी हुई है। यहां बरसात के समय सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात गुफा के ऊपर से बहता है। यह जगह बरसात के समय बहुत ही आकर्षक लगती है। 

श्री मंदाकिनी पापमोचनी गंगा जी कुंड

 कहा जाता है, कि इस स्थान पर स्नान करने से जीव हत्या का पाप से मुक्ति मिलती है। इस स्थान के बारे में कहा जाता है, कि यह स्थान त्रेता युग में महर्षि श्रृंगी का तपोस्थली रहा है, जिनके तप प्रताप से स्वयं गंगा मैया मंदाकिनी यहां पर अवतरित हुई। इस पवित्र कुंड में स्नान करने से महर्षि गौतम को गौ हत्या के पाप से मुक्ति प्राप्त हुई थी।

भंवर माता मंदिर

भंवर माता मंदिर प्रतापगढ़ जिले में छोटी सादड़ी में स्थित है। यह छोटी सादड़ी से करीब 3 किलोमीटर दूर हैयह जगह मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए एक पवित्र स्थल है। यहां पर देवी दुर्गा का ही रूप विराजमान है। इस शिलालेख में देवी दुर्गा को महिषासुर राक्षस का वध करने का उल्लेख किया गया है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण यश गुप्त के पुत्र राजा गौरी ने करवाया था