एक बार यहां के राजपूत राजा ठाकुर जयसिंह घोड़े पर सवार होकर रणसी गांव की ओर अपने सेवकों के साथ वहां के प्रसिद्ध गणगौर मेला देखने जा रहे थे। रास्ते में सेवकों से ठाकुर जयसिंह पीछे रह गए।
रास्ते में एक तालाब को देखकर ठाकुर जयसिंह अपने घोड़े को पानी पिलाने के लिए तालाब के पास ले गए। इस रात के अंधेरे में जयसिंह को तालाब के किनारे एक आकृति दिखाई दी।
जयसिंह ने उसे पानी पिला दिया। ठाकुर के ऐसे व्यवहार को देखकर आकृति ने ऋण उतारने की बात की। इस पर राजा ने मेरे लिए एक गढ़, महल, पानी की एक बावड़ी के साथ ही एक सुंदर सा शहर बनवाना होगा।
आकृति ने कहा कि आप निर्माण कार्य शुरू करें, दिन में जितना भी निर्माण कराएंगे वह रात में सौ गुना हो जाएगा, लेकिन मेरी एक शर्त है। यह रहस्य आप किसी को नहीं बताएंगे। जिस दिन यह रहस्य खुल जाएगा,