More
    HomeTravelKotra तहसील बारिश के मौसम में एक सुनहरा दर्शय दिखती है जो...

    Kotra तहसील बारिश के मौसम में एक सुनहरा दर्शय दिखती है जो की काफी सुन्दर होता है।

    Kotra

    राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले का छोटासा शहर और एक तहसील हे कोटड़ा। कोटड़ा तहसील का पिनकोड 307005 हे। Udaipur to kotra की दुरी 118 किमी हे। कोटड़ा को उदयपुर से जोड़ने वाला हाइवे नेशनल हाइवे 27 हे। kotda में 31 पंचायतो के 262 राजस्व गांव निवास करते हे। कोटड़ा तहसील की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती हे। कोटड़ा तहसील अपनी सीमा गुजरात राज्य के साथ भी साजा करती हे। कोटड़ा एक जनजातीय बहुल क्षेत्र हे। कोटड़ा को जनजातीय उप-योजना के अंदर लिया जाता हे।

    Also visit :- रिस्सभदेव मंदिर की खूबसूरती और तहसील

    Kotra के खुबसूरत स्थल

    कोटड़ा अपनी एक प्राकृतिक खूबसूरती को ओढे एक अलग ही असास करता हे। kotra तहसील अरावली की पहाड़ियों के बिच बसी हुई हे। बारिश के मौसम में इस के हरे भरे पहाड़ और मौसमी झरने लोगो का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हे। यहा की प्राकृतिक हवा में कार्बन की मात्रा न के बराबर हे जिस से यह के लोगो में फेफड़ो से सम्बंदित बीमारियों का खतरा काम रहता हे। यहां अनेको मौसमी झरने और नदिया हे और इन से जुड़े कई तालाब भी हे इन तालाबों में साल भर पानी रहता हे ।

    झामेश्वर महादेव मंदिर कोटड़ा मेवाड़ की आस्था का केंद्र / Jameshwar Mahadev Mandir Kotra

    Jameshwar Mahadev Mandir Kotra

    मेवाड़ की आस्था का केंद्र कोटड़ा तहसील की पहाड़ियों के बिच बसा झामेश्वर महादेव मंदिर एक प्राकृतिक मंदिर हे। झामेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर से 24 किमी की दुरी पर स्थित हे। यहां पर स्थित मंदिर प्रकृति में स्वयं बनाया हे। यहां शिवलिंग पहाड़ की गुफा के अंदर स्थापित हे। यहां मंदिर में दर्शन करने भग्त गण सालभर आते रहते हे और विशेष यहां शिव रात्रि के दिन श्रदालुओ का काफी संख्या में जमावड़ा रहता हे।


    लोग यहां आस्था के साथ ही पिकनिक मनाने भी आते हे। यहां का प्राकृतिक नजारा काफी दार्शनिक हे। मंदिर के परिसर में एक गोमुख से साल भर पानी बहता रहता हे। तथा पास ही एक झरना और तालाब भी हे यहां लोग ये नजारा देखने भी आते रहते हे।

    सेई नदी कोटड़ा / Sei River Kotra

    Sei River Kotra

    कोटड़ा में मानसून के दिनों में कई नदिया चलने लग जाती हे उन नदियों मेसे एक हे सेई नदी इस नदी का नजारा काफी खूबसूरत देखने को मिलता हे। प्रकति से गिरी ये नदी का स्वच्छ हे। ये नदी मॉनसून में सक्रीय हो जाती हे। इस नदी में पानी साल भर रहता हे। साल भर ये पानी यहां के जंगलो को हरा भरा रखता हे। सेई नदी पर सेई बांध बना हुआ हे जो की यहां का एक मुख्य बांध हे।

    फुलवारी नाल कोटड़ा उदयपुर / Phulwari ki Nal Wildlife Sanctuary

    फुलवारी नाल एक वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हे। ये काफी घना जंगल हे। यहां कई प्रजातियों के पेड़ और जिव जंतु पाए जाते हे। ये सेंचुरी उदयपुर से 90 किमी की दुरी पर स्थित हे। इस को पानरवा का वन क्षेत्र भी कहा जाता हे। वन के रस्ते में सांडोल माता का मंदिर काफी आकर्षित करता हे। इस मंदिर के पास एक नदी पर छोटा बांध बना हुआ हे। बारिश के दिनों में दें से गिरता पानी झरने के रूप में दिखाई पढ़ता हे।


    इस से आगे फलासिया का घटा या आमलिया का घाटा जो की सर्पाकार तरीके से बना हुआ हे। इसी सर्पाकार के कारण ये क्षेत्रभर में प्रसिधा हे। कठवारी जहर ट्रेक चलने पर एक प्रकारिक केव्स देखने को मिलेगी यहां एक साधु महात्मा ने कई वर्षो तक तपस्या की थी।
    ये सेंचुरी झाड़ोल फलासिया कोटड़ा और गुजरात राज्य तक तेली हुई हे।

    कोटड़ा तहसील का इतिहास / History of Kotra

    1949 जब उदयपुर का राज्य राजस्थान में विलय हुआ तब उदयपुर में 18 तहसील बनाई गई जिस्मसे एक कोटड़ा भी शामिल थी। कोटड़ा पंचायत समिति ने 1959 में काम करना शुरू किया। सन 2001 और 2011 की जनगणना के बिच उत्तरपूर्वी भाग के 60 गावो को पुनः गोगुन्दा और झाड़ोल को सोपा गया।

    Geographical Condition of Kotra / कोटड़ा की भौगोलिक स्थिति

    कोटड़ा तहसील का क्षेत्रफल लगभग 1115 वर्ग किलोमीटर हे। कोटड़ा तहसील में औसत वर्षा 900 MM होती हे यहां वर्ष के 35 दिन औसत वर्षा चलती हे। यहां की समुन्द्र ताल से ऊंचाई 1117 मीटर तक हे। यहां बने वाली साबरमती नदी उतर पूर्व से दक्षिण पश्चिम की और बहती हे।
    kotda की प्रमुख नदियाँ सेई, साबरमती, पमरी, वाकल, दिवाव और कोसंबी हैं ये नदिया उतर से दक्षिण की और बहती हे। यहां पर सेई नदी पर सेई बांध बनाया गया हे। इस बांध की उचाई 28 मीटर हे। इस बांध के पानी का उपयोग पाली जिले के जवाई बांध में अंतर-बेसिन हस्तांतरण के लिए किया जाता है

    Kotra तहसील की अर्थव्यवस्था

    कितरा की जनता के पास रोजगार के बहुत ही काम विकल्प उपलब्ध हे इस का मुख्य कारण यहां के कम जोत भूमि, कम उपजाऊ मिटटी , सिचाई के कम विकल्प, और साक्षरता की कमी भी हे यहां के लोग आमदनी के लिए दिहाड़ी मजदूरी या प्रवासन पर बहुत अधिक निर्भर करते हे। यहां की आधी आबादी के गारो मेसे कम से कम एक सदस्य रोजगार के लिए दूसरे शहरों में जाता ही हे। यहां से मजदूरी के लिए गुजराज राज्य में जाते हे। गुजराज के बनासकांठा और साबरकांठा में अधिकांश लोग यही के दिखेंगे। यहां के 80 % लोग खेती और निर्माडाधीन कार्य में लगे हुहे हे।

    kotra तहसील का आवागमन

    यहां से किसी दूसरे शहर तक जाने का मुख्य मार्ग सड़क हे। यहां से उदयपुर तक के लिए सरकार द्वारा सिमित मात्रा रोडवेज बसे चलाई गई हे। यहां पर रेल यहां हवाई सुविधा उपलब्धा नहीं हे। यहां कुछ निजी बसे भी चलती हे। आवागमन का ज्यादा विकल्प यहां हे नहीं।

    कोटड़ा की जनसंख्या / Population of Kotra

    कोटड़ा की आबादी 225 लाख के लगभग हे यहां की पुरुष आबादी 51 % और महिला आबादी 49 %के बराबर हे। यहां की साक्षरता काफी कम हे यहां की साक्षरता केवल 24 % हे पुरुष साक्षरता और महिला साक्षरता क्रमश 38 :11 हे। यहां का लिंगानुपात प्रत्येक 1000 पुरुषो पर 980 महिला हे। यहां की 95 %आबादी जनजातीय समुदाय आदिवासी (हिन्दू ) की हे। kotra Tehsil को एक अनुसूचित क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है जो आदिवासी संस्कृति और अन्य हितों के विशेष संरक्षण की अनुमति देता है। यहां की प्रमुख भाषा मेवाड़ी हे जो की पुरे क्षेत्र में बोली जाती हे।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_img