Table of Contents (Ubeshwar Mahadev Mandir Udaipur)

उबेश्वेर महादेव का मंदिर की कहानी ( Story of Ubeshwar Mahadev Mandir udaipur)

यह मंदिर बहुत प्राचीन है यह अरावली की पहिडियो में स्थित है। यह उबेश्वेर गांव में स्थित है जो उदयपुर से लगभग 22 किलो मीटर है
घुमावदार पहाड़ियों के बीच स्थित यह स्थान प्राकृतिक वैभव, लोक रीति-रिवाजों और आध्यात्मिकता का मिश्रण है, जहां पहुंचते ही आत्मा को शांति का अनुभव होता है। यह भगवान शिव का एक लोकप्रिय मंदिर है। परिसर के भीतर अनुष्ठान स्नान के लिए एक पवित्र तालाब (गंगू कुंड) है। (Ubeshwar Mahadev Mandir udaipur)
इतिहास और पौराणिकता (History of Ubeshwar Mahadev Mandir udaipur)
शिव भक्ति का केंद्र रहा है । एक प्रसिद्ध कहानी के अनुसार, एक महान ऋषि ने इस स्थान पर कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव यहाँ प्रकट हुए और शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए। यह शिवलिंग स्वयंभू माना जाता है और इससे जुड़ी कई कहानियाँ और चमत्कारी अनुभव स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध हैं। और यहाँ पर कुछ और अतभुत बाते है
तो यह पर आने के बाद पता चलेगा प्राचीन काल में यह क्षेत्र वन क्षेत्र था जहाँ ऋषि-मुनि तपस्या करते थे। यहाँ का वातावरण बहुत शांत, शुद्ध और ऊर्जावान था। इसलिए इसे आध्यात्मिक साधना के लिए आदर्श स्थान माना जाता था। कुछ मान्यताओं के अनुसार यह स्थान महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और पांडवों ने अपने वनवास के दौरान यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी
स्थानीय आस्था और परंपराएं (Ubeshwar Mahadev Mandir udaipur)
यहाँ पर सावन महीने में भक्तो की लाइन लगती है और दूर दूर से लोग आता है और यह पर आसपास के पैदल यात्रा करते हुए भक्त आते है और यहाँ पर हर सोमवार को पूजन होता है। और यहाँ पर महाशिवरात्रि पर बड़ा मेला दम धाम से लगता है यहाँ पर ऐसा मन्ना है की यहाँ शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मनो कामना पूरी होती है।
शिवरात्रि पर आयोजित मेला में आस पास के लोग आके इस मंदिर की संस्कृति और परम्पराओ को करते है यहाँ महाशिवरात्रि के दिन भजन संध्या , नृत्य करते है। यहाँ पर लोग उस दिन दूर दूर से धारसँ करने आते है कई परिवार पीढ़ियों से इस मेले में आते रहे हैं और अपने बच्चों को भी यही परंपराएँ सिखाते रहे हैं
प्राकृतिक सौंदर्य और भौगोलिक विशेषता (Ubeshwar Mahadev Mandir udaipur)
आरावली पहाड़ियों के बीच बसा यह क्षेत्र हरियाली से भरपूर है और यहाँ का मौसम भी बहुत अच्छा है। मंदिर के पास उबेश्वर कुंड के नाम से मशहूर एक खूबसूरत तालाब है, यहाँ पर पवित्रता प्राप्त करने के लिए स्नान करते हैं। मानसून के मौसम में पूरा इलाका हरियाली से से जम उठता है और झरनों की मधुर ध्वनि पवित्र वातावरण को और भी बढ़ा देती है।
यहाँ का वातावरण बहुत खूबसूरत है यहाँ आने के बाद ऐसा लगता है की स्वर्ग में आये हो यहाँ पर बारिश के दिनों में हर तरफ हरियाली होता है। और पर सन्ति पूण इलाका है जब सुबह इस मंदिर में आरती होती है और पक्षियों की चहचहाहट की आवाज आती तब आसा लगता है तो उससे मन को मन मोहित होने लगता है सूर्य की पहली किरण जब शिवलिंग को छूती है तो दिव्यता का अहसास होता है। प्रकृति और आध्यात्म के बीच यह सामंजस्य उबेश्वर महादेव की विशिष्टता को और बढ़ा देता है
मंदिर की वास्तुकला (Ubeshwar Mahadev Mandir udaipur)
मंदिर का निर्माण पारंपरिक शैली में हुआ है जिसमें शिखर शैली की छवि स्पष्ट दिखाई देती है। गर्भगृह के ऊपर ऊँचा शिखर और उसके चारों ओर छोटे-छोटे मंडप हैं। मंदिर में शिवलिंग के अतिरिक्त नंदी की मूर्ति भी स्थापित है, जो सदैव भगवान शिव के समक्ष विराजमान रहते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी, मूर्तियों की कलात्मकता और पत्थरों का शिल्पकार्य इस स्थान की प्राचीनता को दर्शाता है।
मंदिर परिसर में छोटे-छोटे अन्य मंदिर भी हैं – जैसे पार्वती जी, गणेश जी, और हनुमान जी के मंदिर। मंदिर के मुख्य द्वार पर की गई कारीगरी, सुंदर तोरण और दीप स्तंभ इस स्थान की सांस्कृतिक विरासत को बखूबी दर्शाते हैं।

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