भारत का दूसरे कश्मीर माना जाने वाला उदयपुर अरावली की सुंदर सुरम्य वादियों से घिरा हुआ है।
उदयपुर के महाराणा जल संरक्षण तथा जल के सदुपयोग के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे,
उन्होंने अपने शासनकाल में कई बाँध तथा जलकुण्ड बनवाए थे।
यहाँ की सात प्रमुख छोटी-बड़ी झीलें हैं- पीछोला, दूध तलाई, गोवर्धन सागर, कुम्हारिया तालाब, रंगसागर, स्वरूप सागर, फतहसागर, इन्हें सामूहिक रूप से 7 बहनों के नाम से जानते है।
झीलें कई शताब्दियों से इस शहर की जीवनरेखा बनी हुई है।
पीछोला का निर्माण 14 वीं शताब्दी के अन्त में राणा लाखा के काल एक बंजारे ने कराया था और बाद में राजा उदयसिंह ने इसे ठीक कराया था।
फतेह सागर झील का निर्माण सर्वप्रथम महाराजा जयसिंह द्वारा सन् 1678 में किया गया था परंतु अतिवृष्टि ने इसे तहस-नहस कर दिया। इसका सशक्त पुनर्निर्माण महाराणा फतेहसिंह ने छः लाख रुपयों की लागत से कराया।
दूध तलाई झील जो कि एक झील या छोटा तालाब है जो भारतीय राज्य राजस्थान के उदयपुर ज़िले में स्थित है यह महाराणा फ़तेह सिंह के निवास स्थान शिव पैलेस और पिछोला झील के निकट स्थित है। यह झील महाराणा प्रताप हवाई अड्डा से लगभग २४ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
गोवर्धन सागर झील 9 मीटर गहरी है और 3750 मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील को अपना पानी पिछोला झील से मिलता है ।यह उदयपुर की सबसे छोटी कृत्रिम झील है।