क्या है राजस्थान के अंदर
सुनहरे रेतीले समंदर का दिरदार हो जहॉ
पराक्रमी वीर यौद्धा
गढ़ वह किले
ऊटो की चाल और मन को लुभाती लोकगीत की धुन
दाल बाटी चूरमा मिठे घेवर और फिनि का स्वाद
जहॉ मेलो का त्योहार हो
पगड़ी का मन और घूँघट का हो सामान
रीती रिवाज और पम्परा है जिसकी शान
पधारो देश मारे राजस्थान।