इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो रणथम्भौर दुर्ग का जौहर महारानी गंगा देवी का जौहर अमर है। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

रणथम्भौर दुर्ग में 1301 ईस्वी में पहला जल जौहर हुआ था। हम्मीर देव की पत्नी रानी रंगादेवी ने रणथम्भौर दुर्ग स्थित पद्मला तालाब में कूदकर जल जौहर किया था।

राजस्थान पहला एवं एकमात्र जल जौहर भी मानते हैं। रानी रंगा देवी ने ये जौहर आक्रान्ता शासक अलाउद्दीन खिलजी द्वारा रणथम्भौर दुर्ग पर किए आक्रमण के दौरान किया था।