घग्घर नदी (सरस्वती )

गंगानगर जिले में टिब्वी के समीप उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवेश करती है।हनुमानगढ़ के पास भटनेर के मरुस्थलीय भाग में बहती हुई विलीन हो जाती है। कुल लंबाई 465 किलोमीटर है

काटली नदी (कांतली नदी)

सीकर जिले के रेवासा गांव की खण्डेला की पहाड़ियों से निकलने के बाद सीकर जिले में बहती हुई झुन्झुनू जिले के मण्डेला नामक स्थान पर (चुरू जिले की सीमा पर) विलुप्त हो जाती है। कुल लम्बाई लगभग 100 किलोमीटर है।

काकनी नदी (काकनेय नदी)

जैसलमेर जिले में जैसलमेर शहर से दक्षिण में कोटड़ी गाँव या कोटारी गाँव (कोटड़ी पहाड़ी) से होता है। नदी की कुल लम्बाई 17 किलोमीटर है। जैसलमेर जिले के मीठी खाड़ी नामक स्थान पर विलुप्त हो जाती है। अंतः प्रवाह की सबसे छोटी नदी मानी जाती है।

          साबी

सीकर जिले के अजीतगढ़ के धारा जी मंदिर के पास होता है. यह नदी राजस्थान से हरियाणा और फिर दिल्ली के नजफगढ़ से निकलते हुए युमना में गिरती थी, लेकिन बाद में इसका बहाव बहुत धीमा पड़ गया. वहीं कई बड़े नालों का पानी इसमें आने लगा. इससे नदी का अपना स्वरूप लुप्त होकर नाले में बदल गया.

मेंथा नदी (मेन्ढा )

इस नदी का उद्गम जयपुर में मनोहरपुर थाना से होता है । जयपुर में बहने के पश्चात् यह नदी नागौर में बहती हुई सांभर झील में अपना जल गिराती है

रुपनगढ़ नदी

उद्गम अजमेर जिले के सलेमाबाद (किशनगढ़) से होता है। उद्गम स्थल से निकलकर नागौर व जयपुर की सीमा पर स्थित सांभर झील में मिल जाती है।

सागरमती (लवण्वती ,मरूआशा ,साक्री आधि मीठी व आधि खारी नदी)

अजमेर जिले की नाग पहाड़ी से लूनी नदी का उद्गम होता है।नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर आदि जिलों में से बहते हुए गुजरात के कच्छ जिले में प्रवेश करती है तथा कच्छ के रन में विलुप्त हो जाती है। लूनी नदी की कुल लम्बाई 495 किलोमीटर है जिसमें से राजस्थान में लूनी की कुल लम्बाई 330 किलोमीटर है।