आपोरो राजस्थान रा भोजन देखो 

थे अगर अजे नी खाई हो नुगती तो फिर कितर मिलेगा मुगती 

जो न खाई थुली दुनिया उनने भूली 

जे ना खाई लापसी आ आत्मा कितर धापसी

जो ना खायो सिरों बनने रेगो जीरो

जे न खायो सोगरो भाई रे वो तो दास बन गो रोगरो 

जो ना खाई खड़ी कमजोर उन री हडी

जो ना खायो खाकरो कर्मा में है काकरो

जो ना खायो केर अमे उनी नहीं है खेर 

जो ना खायो घेवर ठंडा पड़ेगा तेवर 

जो ना खाई फिनि फजे क्यों जिंदगी जिनी]

जो ना खाई दाल बाटी जिंदगी है उन री माटी