पोखरण जैसलमेर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट साइट के लिए प्रसिद्ध है। पोखरण में सबसे पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया गया था।
पोखरण का किला लाल बलुआ पत्थर का बना हुआ है। यह किला बहुत सुंदर है। इस का प्रवेश द्वार बहुत भव्य और बहुत बड़ा है। प्रवेश द्वार लकड़ी का बना हुआ है। मगर बहुत ही आकर्षक लगता है। पोखरण के किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। पोखरण किले के अंदर म्यूजियम देखने के लिए मिलता है।
यह मंदिर पोखरण के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। श्री खींवज माता, सोलंकी की कुलदेवी है। यहां पर माता की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर माता की दो विग्रह देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। माता का मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है। नवरात्रि में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
मंदिर का मंडप पूरा कांच से सजा हुआ है और मंदिर का गर्भगृह में माता की सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
रामदेवरा में, बाबा रामदेव जी का बहुत बड़ा मंदिर है। यहां पर रामदेव बाबा जी ने जीवित समाधि ली थी। बाबा रामदेव जी का जन्म विक्रम संवत 1409 में अजमाल जी के घर पर अवतरित हुआ थे। बाबा रामदेव जी को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है।
बाबा रामदेव के जन्म से लेकर समाधि तक के संपूर्ण जीवन के बारे में बताया गया है। यहां रामदेव बाबा जी के चमत्कार के बारे में बताया गया है। बाबा रामदेव पैनोरमा पोखरण से रामदेवरा जाने वाली सड़क में स्थित है। यह जगह अभी नवनिर्मित है। यहां पर आपको मूर्तियों के माध्यम से बहुत सारी जानकारी को प्रस्तुत किया गया है।
फलौदी झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। यह झील फलौदी शहर में पीने के पानी का एक मुख्य स्त्रोत है। यह कृत्रिम झील है। यहां पर जोगिंग के लिए और वॉकिंग के लिए आया जा सकता है। यहां पर झील का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। शाम के समय यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही आकर्षक रहता है।
पोखरण साल्ट लेक एक सफेद समुद्र की तरह देखने से लगता है। यहां पर नमक बनाया जाता है। वही नमक जो आप और हम खाते हैं। यहां पर आपको खारा पानी से नमक कैसे बनता है।
यहां पर परमाणु बम का परीक्षण किया गया है। यहां पर 18 मई 1974, 11 मई 1998, 13 मई 1998 को परमाणु परीक्षण किया गया है। यहां पर आपको परीक्षण से ध्वस्त घर एवं जमीन देखने के लिए मिलती है।
प्राचीन मंदिर पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया था। इसलिए यहां नए मंदिर का निर्माण करवाया गया। प्राचीन मंदिर 300 साल पुराना था। मंदिर के गर्भ गृह में शंकर जी का शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। मंदिर के पास में एक बड़ा सा तालाब बना हुआ है, जिसमें मछली और कछुए हैं।