“क्या विष्णु ने दी थी शिव को तीसरी आँख?”

“सुना है न… शिव की तीसरी आँख, विष्णु ने दी थी?” 

“कहते हैं उसमें है… पूरे ब्रह्मांड की शक्ति!”

“विष्णु ने संकल्प लिया — 1000 कमल चढ़ाएँगे।”

“गिनती हुई 999… और एक कमल कम निकला।” 

“‘कमलनयन’ विष्णु ने… अपनी आँख अर्पित कर दी।” 

“शिव प्रसन्न हुए… और दिया सुदर्शन चक्र।” 

“यहीं से फैली ग़लतफ़हमी — वही आँख बनी तीसरी आँख।” 

असल में तीसरी आँख… शिव का अनादि स्वरूप है।” 

असल में तीसरी आँख… शिव का अनादि स्वरूप है।”