वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जमीन के नीचे बने वैक्यूम और पानी की अनुपस्थिति ने इसे कमजोर बना दिया था।
डेढ़ बीघा जमीन में अचानक 70 फुट नीचे धंसने की घटना लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बन गई.
डेढ़ बीघा जमीन में अचानक 70 फुट नीचे धंसने की घटना लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बन गई.
इस sinkhole को देखने के लिए दूर दूर से लोग आना शुरू होगय थे , लकिन लोगो की और किसी वजह से यह sinkhole और बड़ा ना होजाए इसलिए पुलिस प्रशासन ने लोगो को वह जाना से रोका और उस पूरे sinkhole के आस पास नाकाबंदी करवा दी है।
इस sinkhole को देखने के लिए दूर दूर से लोग आना शुरू होगय थे , लकिन लोगो की और किसी वजह से यह sinkhole और बड़ा ना होजाए इसलिए पुलिस प्रशासन ने लोगो को वह जाना से रोका और उस पूरे sinkhole के आस पास नाकाबंदी करवा दी है।
sinkhole पर्यावरण कार्यकर्ता श्याम सुंदर ज्याणी ने बताया कि इलाके में बारिश के दौरान भी बहता पानी नहीं आता और पानी मुख्य रूप से रेत में समा जाता है।
sinkhole पर्यावरण कार्यकर्ता श्याम सुंदर ज्याणी ने बताया कि इलाके में बारिश के दौरान भी बहता पानी नहीं आता और पानी मुख्य रूप से रेत में समा जाता है।
राजस्थान के सबसे अच्छे आँखों के अस्पताल – Best Guide to Top Eye Hospitals in Udaipur, Ajmer, Sikar, Kota, Jaipur, Jodhpur, and Alwar
Festivals of Rajasthan जो की विश्वभर में छाए हुए है।
सदियों से ऐसा ही रहा है. ऐसे जमीन के नीचे पानी के जमा होने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
सदियों से ऐसा ही रहा है. ऐसे जमीन के नीचे पानी के जमा होने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
कुछ लोगो का मानना ये भी है की ये sinkhole नर्ग का दरवाजा है , धरती पैर पाप बढ़ने की वजह से ये नर्ग का दरवाजा खुल गया है।
कुछ लोगो का मानना ये भी है की ये sinkhole नर्ग का दरवाजा है , धरती पैर पाप बढ़ने की वजह से ये नर्ग का दरवाजा खुल गया है।
लोगों ने बताया कि जमीन धंसने की घटना को लेकर उन्होंने कई बार प्रशासन को इस मामले की सूचना दी है।
लोगों ने बताया कि जमीन धंसने की घटना को लेकर उन्होंने कई बार प्रशासन को इस मामले की सूचना दी है।
इनके वैज्ञानिक विश्लेषण से हमें भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने की तैयारी करने में मदद मिलती है।
इनके वैज्ञानिक विश्लेषण से हमें भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने की तैयारी करने में मदद मिलती है।
समें 150 मीटर नीचे तक केवल रेत है। उन्होंने जीएसआई रिपोर्ट में उजागर किए गए भूजल के अत्यधिक दोहन का भी उल्लेख किया।
समें 150 मीटर नीचे तक केवल रेत है। उन्होंने जीएसआई रिपोर्ट में उजागर किए गए भूजल के अत्यधिक दोहन का भी उल्लेख किया।