राजस्थान का एक ऐसा मंदिर जहा भगवान जरूरतमंदों को देते हैं उधार में पैसा आइये जानते ऐसा कौनसा मंदिर हैं 

उदयपुर में बोहरा गणेशजी, जो जरूरतमंदों को देते हैं उधार में पैसा उदयुपर स्थित भगवान बोहरा गणेजी 

मान्यता है कि यहां से उधार लिया गया सिक्का अपनी तिजोरी या जहां पैसा रखते हैं वहां रख लिया जाता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

मान्यता है कि यहां से उधार लिया गया सिक्का अपनी तिजोरी या जहां पैसा रखते हैं वहां रख लिया जाता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

मान्यता है कि यहां से उधार लिया गया सिक्का अपनी तिजोरी या जहां पैसा रखते हैं वहां रख लिया जाता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

विघ्नहर्ता भगवान गणेशजी की विभिन्न रूपों में पूजा की जाती है। पूर्वी राजस्थान में रणथंबोर स्थित गणेश मंदिर, जयपुर में मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर की तरह ही उदयपुर में बोहरा गणेशजी की बड़ी मान्यता है।

उदयपुर शहर ही में नहीं, बल्कि जिले और संभाग के ज्यादातर लोग भगवान बोहरा गणेशजी को न्यौता देने के बाद ही शुभ कार्य की शुरूआत करते हैं। यहां तक जरुरत पड़ने पर वह गणेशजी से अपनी मनोकामना के साथ उनसे पैसा भी उधार लेते हैं, 

जो ब्याज के साथ मनोकामना पूरी होने के साथ ही लौटाई जाती है। इसी परम्परा के चलते साढ़े तीन सौ साल से वह बोहरा गणेशजी ही कहलाते आ रहे हैं।

बोहरा गणेशजी मंदिर में एक साथ दो प्रतिमाएं विराजित हैं। मुख्य प्रतिमा सामने की ओर देखते हुए नृत्य मुद्रा में है, जबकि दूसरी छोटी प्रतिमा बांयी ओर विराजित है।

कहा जाता है कि छोटी प्रतिमा भगवान गणेशजी के लेन-देन का ब्यौरा रखते हैं, यानी उनके अकाउंटेंट हैं। पूर्व में यहां से लोगों को उनके आवश्यक काम के लिए उनकी मांग के अनुसार पैसा मिला करता था, किन्तु अब सांकेतिक रूप से पैसा मिलता है।

आठ दशक पहले यहां से उधार लेकर गए एक व्यक्ति ने पैसा नहीं लौटाया और इसके बाद पूरा पैसा उधार देने की परम्परा थम गई। इस मंदिर के पुजारी गणेश शर्मा बताते हैं 

कि अब लोगों को सांकेतिक मुद्रा के तहत पैसा दिया जाता है, जो एक रुपए के सिक्के से लेकर सौ रुपए तक होता है। जिस व्यक्ति का कोई काम आर्थिक तंगी से धीमा पड़ जाता है या रूका हुआ हो, वह यहां से सांकेतिम मुद्रा उधार में ले जाता है

 और काम पूरा होने के बाद अपनी मंशा के अनुसार भगवान के समक्ष समर्पित कर देता है। मान्यता है कि यहां से उधार लिया गया सिक्का अपनी तिजोरी या जहां पैसा रखते हैं, वहां रख लिया जाता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है

ज्यादातर लोग बेटी के विवाह से पूर्व यहां से पैसा उधार ले जाता है और शादी संपन्न होने के बाद यहीं भोग लगाते हैं